Tuesday, 22 January 2019

यह प्राणायाम दे सकता है आपको लम्बी उम्र


यह प्राणायाम दे सकता है आपको लम्बी उम्र  




अगर आप लम्बी उम्र चाहते है तो यह प्राणयाम जरुर कीजिए. लम्बा ओर स्वस्थ जीवन

बात शुरू करुगा हमारे पास के देश चीन से. इस देश में एक व्यक्ति जो 150 साल से भी अधिक जिया था. उस से जब उसकी लम्बी उम्र के राज़ के बारे में पूछा गया तो उसने कुछ खास बातों का जिक्र किया जो इस प्रकार से है:-

हमेशा लम्बी सांस लेना   
जितना अधिक हो सके रीढ़ की हड्डी सीधी रखना  
अपने विचारो को शुद्ध रखना
हमेशा सादा खाना लेना
व्यसनों से दूर रहे



यहाँ मैं आपके साथ आज कुछ खास शेयर करना चाह रहा हूँ. एक ऐसा प्राणायाम जो बिलकुल ही सामान्य प्राणायाम है ओर जिसे यदि आप अपने जीवन में अपना लेंगे तो न केवल आपकी उम्र बढ़ जाएगी बल्कि आपकी सेहत भी अच्छी हो जाएगी.

प्राणयाम में दो क्रियाएं एक साथ होती है. एक तो साँस के साथ ऑक्सीजन शरीर में अधिक मात्रा में जाती है जोकि हमारे ब्लड को प्योर करती है और साथ में हमारे में लंग्स को दुरुस्त करता है. जोकि मेडिकली एक बहुत ही अच्छी बात है.

प्राणयाम का असली मतलब वास्तव में प्राण का शरीर में विस्तार करना है. प्राण वो उर्जा है जिसके कारण हम ओर आप जीवित है.

अब एक टेबल दिखता हूँ -

Animal
Respiration per minute
Life Span (Years)
Rabbit
38
8
Monkey
32
10
Dog
26
12
Horse
16
25
Human
13
120
Snake
8
1000
Tortoise
5
2000

आपने देखा कि जैसे जैसे Respiration Rate घट रहा है वैसे वैसे लाइफ स्पैन बढ़ रहा है. यहाँ तक कि कछुवें की उम्र 2000 वर्ष तक चली जाती है. मैं जो बता रहा हूँ वो इसलिए तर्कसंगत है.

एक ओर बात आपने बार बार सुनी होगी कि ईश्वर ने हमें निश्चित सांसे दी है. यह बात सच भी है कि एक व्यक्ति ने जितना भी जीवन जिया ओर उसमे जितनी भी सांसे ली उन सांसो की अगर हम गिनती करे तो हम कह सकते है ईश्वर ने उस व्यक्ति को इतनी सांसे दी थी. मान लीजिये कि एक व्यक्ति 60 साल तक जीवित रहा.

थोडा कैलकुलेशन करते है. हमारा रेस्पिरेशन रेट है एक मिनट में 13 सांसे.

1 घंटे = 13x60= 780 सांसे
24 घंटे (एक दिन) = 780x24= 18720 सांसे
365 दिन (एक वर्ष) = 365x18720 = 6832800 सांसे
60 वर्ष x 6832800 =  409968000 (चालीस करोड़ निनान्वे लाख अडसठ हज़ार) सांसे
तो यह सांसे उस व्यक्ति को मिली

अब मान लीजिये कि वो अगर व्यक्ति किसी तरीके से अपनी सांसो को गहरा कर ले यानि एक मिनट में 13 की बजाये कम सांसे ले. Suppose कि एक मिनट में वह अपने सांसे 8 तक ले आये. तो कैलकुलेट करते है कि वो अपनी कुल सांसे 409968000 में से कुल कितनी सांसे खर्च कर पाता है.

1 घंटे = 8x60= 480 सांसे
24 घंटे (एक दिन) = 480x24= 11520 सांसे
365 दिन (एक वर्ष) = 365x11520 = 4202800 सांसे
60 वर्ष x 4202800 =  252288000 (पचीस करोड़ बाईस लाख अठासी हज़ार) सांसे
  
कुल सांसे मिली थी = 409968000
खर्च की = 252288000
बाकि बची = 157680000

अभी 60 साल जीने के बाद भी उस व्यक्ति के पास बची 157680000 सांसे. अब देखते है अगर वो व्यक्ति बाकि बची सांसे अगर 10 सांसे प्रति मिनट की गति से भी लेता  है तो वो कितने साल ओर जी पाता है.

157680000 / 10 सांसे  = 15768000 मिनट
15768000 मिनट/60 = 262633 घंटे
262633 घंटे / 24 = 10943 दिन
10943 दिन / 365 = 30 Years

यानि अगर वो इस प्रकार जीवन जिए तो वही व्यक्ति 30 वर्ष ओर जी सकता है.

अब यह होगा कैसे. इसका उतर है कि हमें per minute सांसो की गति को कम करना होगा. यह हम करेगे एक बड़े ही साधारण प्राणायाम से.

किसी भी आरामदायक आसन में बैठ कर. सारा का सारा ध्यान अपनी साँस पर लगा देना ही. फिर साँस को धीरे धीरे गहराई से लेना शुरू करना है. पूरी साँस अन्दर भर लेनी है.

साँस को नासिका से ही अन्दर लेना है. इस प्रक्रिया में हिलना नहीं है. बिलकुल मूर्तिवत होकर साँस अन्दर खीचनी है. फिर कुछ क्षण के लिए रुकना है.

फिर धीरे धीरे साँस को बाहर छोड़ देना है. हिलना बिलकुल भी नहीं है ऐसा करने से मन तुरंत शांत हो जायेगा. और एक मिनट में साँस लेने की गति भी कम होनी शुरू हो जाएगी.  

यह बिलकुल आसान है. गहरी सांस.. जब भी समय मिले तो बस गहरी साँस.. ध्यान पूरा सांसो पर...हर वक़्त गहरी साँस....बस इतना ही ... ध्यान बार बार भागेगा...पर कोई बात नहीं....ध्यान को बार बार वापिस पकड़ कर लाना है ओर सांसो पर लगा देना है. 



 

Friday, 11 January 2019

क्या होता है पूर्णिमा की रात


पूर्णिमा पर ध्यान का रहस्य



मैं अक्सर  आपको पूर्णिमा पर ध्यान करने को कहता हूँ. आज हम इस बात को जानेगें कि इस रात किये गए ध्यान का क्या महत्व है. सबसे पहले हम समझेगे कि पूर्णिमा होती क्या है. पूर्णिमा वो रात होती है जिस रात आकाश में पूरा चाँद दिखता है. Full moon night. चाँद हमारे मन से सम्बंधित होता है.  पिंगला, इड़ा ओर सुषमना तीन नाड़ियाँ. इड़ा जो है वो चन्द्र नाड़ी होती है. मन जो हम वो चन्द्र से सम्बंधित होता है.

इसका मतलब यह हुआ कि अगर मन बहुत ज्यादा भटकता है तो चन्द्र को मज़बूत करना होगा ओर अगर चन्द्र को किसी तरह मज़बूत कर लिया जाये तो मन पर काफी हद तक काबू पाया जा सकता है. ध्यान से हम मन पर काबू पाने की कौशिश करते ही है ओर मन भी उतनी ही ताक़त से हमारे हमले का जवाब भी देता है. अक्सर ध्यान करते हुए हम मन से लड़ते रहते है. ओर फाइनली हम मन के कारण ही ध्यान से खड़े होते है क्यूंकि अगर मन न हो तो हम कभी भी ध्यान से खड़े ही नहीं हो.

हमारे मन में बहुत कुछ छिपा हुआ है. इस मन को अगर काबू कर लिया जाये तो बड़े से बड़ा कार्य चुटकियों में किया जा सकता है. जीवन का कोई भी सपना पूरा किया जा सकता है. यह प्रकृति बड़ी ही रहस्यमयी है. बहुत सारे रहस्य छिपे हुए है इसमें जिनको आज तक विज्ञानं भी समझ नहीं पाया है. ऐसा ही एक रहस्य है पूर्णिमा की रात. जब रात को भी एक तरह से उजाला होता है. अँधेरा हमेशा बुरी शक्तियों को बुराई के लिए उकसाता है ओर उजाला हमेशा बुरी शक्तियों की बुराई को दबाता आया है.

पूर्णिमा की रात एकदम ठन्डे उजाले की रात होती है. इस रात मन में उठने वाली तरंगे अपने आप ही शांत हो जाती है ओर मन को हम आसानी से काबू कर ध्यान का आनंद ले सकते है. इस रात को ध्यान करने से मन के विकार समाप्त होने लगते है. मन में दबी हुई ईच्छा भी पूरी हो सकती है. यह रात ध्यान की रात ही होती है. सफ़ेद कपडे पहन का अगर सीधे चन्द्रमा की रौशनी में ध्यान किया जाये तो बहुत ही अच्छे रिजल्ट्स आते है. सीधे चांदनी में बैठना अगर पॉसिबल नहीं हो तो अपने ध्यान कक्ष में भी बैठ कर ध्यान किया जा सकता है.

थोडा ओर समझते है. चाँद ओर समुद्र का यानि जल का बहुत ही गहरा सम्बन्ध है. पूर्णिमा की रात चाँद इतना शक्तिशाली होता है कि वो समंदर के जल को अपनी ओर खीच कर ज्वारभाटा ला देता है. चाँद यानि मन ओर जल यानि भावनाएं. इसका मतलब इस रात भावनाए या फिर मन में उठने वाले विचार बहुत ही तेज़ी से उठ रहे होते है परन्तु चाँद भी शक्तिशाली होता है विचारो को कण्ट्रोल भी आसानी से किया जा सकता है.

दूसरी बात ध्यान में जो सबसे बड़ी रुकावट होती है वो होती है ध्यान में नींद आना. यह सबसे बड़ी समस्या है. ओर कभी कभी हम यह समझ ही नहीं पाता कि यह नीद थी या ध्यान था. पूर्णिमा की रात वैज्ञानिक तौर पर नींद आने के चांसेस कम होते है. इसलिए लम्बा ध्यान करना काफी इजी रहता है.

ओर एक खास बात कि अगर आप किसी मानसिक बीमारी से गुजर रहे है तो आपके लिए बहुत ही ज्यादा जरुरी है पूर्णिमा की रात ध्यान करना.

पूर्णिमा की रात को सारा का सारा वातावरण एक तरह की नयी उर्जा से भरा होता है ओर उस उर्जा को मन में भर कर हम कोई भी नया कार्य करेगे तो अवश्य ही पूरा होगा.