पूर्णिमा पर ध्यान का रहस्य
मैं अक्सर आपको पूर्णिमा पर ध्यान करने को कहता हूँ. आज हम
इस बात को जानेगें कि इस रात किये गए ध्यान का क्या महत्व है. सबसे पहले हम समझेगे
कि पूर्णिमा होती क्या है. पूर्णिमा वो रात होती है जिस रात आकाश में पूरा चाँद
दिखता है. Full moon
night. चाँद हमारे मन से सम्बंधित
होता है. पिंगला,
इड़ा ओर सुषमना तीन नाड़ियाँ. इड़ा जो है वो चन्द्र नाड़ी होती है. मन जो हम वो चन्द्र
से सम्बंधित होता है.
इसका मतलब
यह हुआ कि अगर मन बहुत ज्यादा भटकता है तो चन्द्र को मज़बूत करना होगा ओर अगर चन्द्र
को किसी तरह मज़बूत कर लिया जाये तो मन पर काफी हद तक काबू पाया जा सकता है. ध्यान से
हम मन पर काबू पाने की कौशिश करते ही है ओर मन भी उतनी ही ताक़त से हमारे हमले का
जवाब भी देता है. अक्सर ध्यान करते हुए हम मन से लड़ते रहते है. ओर फाइनली हम मन के
कारण ही ध्यान से खड़े होते है क्यूंकि अगर मन न हो तो हम कभी भी ध्यान से खड़े ही
नहीं हो.
हमारे मन
में बहुत कुछ छिपा हुआ है. इस मन को अगर काबू कर लिया जाये तो बड़े से बड़ा कार्य चुटकियों
में किया जा सकता है. जीवन का कोई भी सपना पूरा किया जा सकता है. यह प्रकृति बड़ी
ही रहस्यमयी है. बहुत सारे रहस्य छिपे हुए है इसमें जिनको आज तक विज्ञानं भी समझ
नहीं पाया है. ऐसा ही एक रहस्य है पूर्णिमा की रात. जब रात को भी एक तरह से उजाला
होता है. अँधेरा हमेशा बुरी शक्तियों को बुराई के लिए उकसाता है ओर उजाला हमेशा
बुरी शक्तियों की बुराई को दबाता आया है.
पूर्णिमा
की रात एकदम ठन्डे उजाले की रात होती है. इस रात मन में उठने वाली तरंगे अपने आप
ही शांत हो जाती है ओर मन को हम आसानी से काबू कर ध्यान का आनंद ले सकते है. इस
रात को ध्यान करने से मन के विकार समाप्त होने लगते है. मन में दबी हुई ईच्छा भी
पूरी हो सकती है. यह रात ध्यान की रात ही होती है. सफ़ेद कपडे पहन का अगर सीधे
चन्द्रमा की रौशनी में ध्यान किया जाये तो बहुत ही अच्छे रिजल्ट्स आते है. सीधे चांदनी
में बैठना अगर पॉसिबल नहीं हो तो अपने ध्यान कक्ष में भी बैठ कर ध्यान किया जा
सकता है.
थोडा ओर
समझते है. चाँद ओर समुद्र का यानि जल का बहुत ही गहरा सम्बन्ध है. पूर्णिमा की रात
चाँद इतना शक्तिशाली होता है कि वो समंदर के जल को अपनी ओर खीच कर ज्वारभाटा ला देता
है. चाँद यानि मन ओर जल यानि भावनाएं. इसका मतलब इस रात भावनाए या फिर मन में उठने
वाले विचार बहुत ही तेज़ी से उठ रहे होते है परन्तु चाँद भी शक्तिशाली होता है विचारो
को कण्ट्रोल भी आसानी से किया जा सकता है.
दूसरी बात
ध्यान में जो सबसे बड़ी रुकावट होती है वो होती है ध्यान में नींद आना. यह सबसे बड़ी
समस्या है. ओर कभी कभी हम यह समझ ही नहीं पाता कि यह नीद थी या ध्यान था. पूर्णिमा
की रात वैज्ञानिक तौर पर नींद आने के चांसेस कम होते है. इसलिए लम्बा ध्यान करना काफी इजी रहता है.
ओर एक खास बात
कि अगर आप किसी मानसिक बीमारी से गुजर रहे है तो आपके लिए बहुत ही ज्यादा जरुरी है
पूर्णिमा की रात ध्यान करना.
पूर्णिमा
की रात को सारा का सारा वातावरण एक तरह की नयी उर्जा से भरा होता है ओर उस उर्जा
को मन में भर कर हम कोई भी नया कार्य करेगे तो अवश्य ही पूरा होगा.
No comments:
Post a Comment