Monday, 21 May 2018

नाड़ी तत्व विवेचन - Nadi Tattva Vivechan


नाड़ी तत्व विवेचन – Nadi Tattva Vivechan



शाश्त्रो में 72000 से भी ज्यादा नाड़ियां बताई गयी है. इन नाड़ियों में मुख्य तीन नाड़ियां होती है. पिंगला इड़ा और सुष्म्ना. पांच तत्व है पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और आकाश. इन तीन नाड़ियों ओर पांच तत्वों विश्लेषण करके किया जाता है नाड़ी तत्व विवेचन.

नाड़ी तत्व विवेचन एक प्रक्रियां है जिसमे हम थोड़ा सा एस्ट्रोलॉजी का प्रयोग करते है. देखिये हर वक़्त वातावरण में भी इन सूक्ष्म तत्वों की मोजुदगी रहती है और प्रकृति में भी यह तीन नाड़ी विद्यमान रहती है. तो साइंस ऑफ़ एस्ट्रोलॉजी के हिसाब से हर व्यक्ति के जन्म के समय की गणना की जा सकती है कि कोई व्यक्ति जब पैदा हुआ और इस दुनियां में उसने जो पहली साँस ली वो कौनसी नोस्त्रिल से ली और किस तत्व में ली.

नाडी और तत्व पाता चलने के बाद हम गणना करते है और विश्लेषण करते है. यह विश्लेषण हर व्यक्ति के लिए अलग होता है. जैसे किसी व्यक्ति में तत्वों की परसेंटेज होगी उसी तरह से उसका नाड़ी तत्व विवेचन चलेगा.

कौनसा तत्व बढ़ा हुआ है और कौनसा घटा हुआ. जिस के आधार पर हम यह तय करते है कि हमें कौनसा ध्यान करना चाहिए. किस चक्र पर काम करना चाहिए और किस पर नहीं. हर बात यह नाड़ी तत्व विवेचन हमें बताता है.

इस से बहुत सारी बाते मालूम पड़ती है. कई बार क्या होता है कि हम ध्यान करते है और सब कुछ उल्टा होना शुरू हो जाता है. क्रोध बढ़ जाता है, डर बढ़ जाता है, काम बनने की बजाये बिगड़ने लगते है. उसका मतलब यह होता है हम जो ध्यान की विधि अपनाये हुए है वो ध्यान की विधि हमारे लिए नहीं है.

कई बार जीवन में हम कई काम करते है और कोई भी काम बन नहीं पाता उस वक़्त यह हमारा जो व्यक्तिगत डाटाबेस काम आता है. क्यूंकि इसमें यह पता चलता है कि किस व्यक्ति के लिए कौनसा कार्य सही है और कौनसा कार्य सही नहीं है.

कई बार हमारे दुसरो से सबंध, relation बिगड़ जाते है और उनके पीछे की वजह सामने नहीं आती तो उस भी वक़्त यह हमारा जो व्यक्तिगत डाटाबेस काम आता है. तत्वों और नाडी को जानने के बाद फिर उन पर कार्य करके हम अपने संबंधो को भी सुधार सकते है.

जब स्थिति बिगड़ जाती है, खास तौर पर पति-पत्नी जैसे संबंधो में और नोबत तलाक तक पहुच जाती है उस वक़्त अगर इस पद्धति की मदद ली जाये और इस पर काम किया जाये तो नतीजे बहुत ही आश्चर्यजनक आते है.

जैसे की मान लीजिये कि किसी व्यक्ति का अग्नि तत्व जन्म से ही अधिक है  वो यदि मणिपुर चक्र पर ध्यान करता है तो उसमे शांति आने की बजाये क्रोध बढ़ने लगेगा पेट सम्बन्धी रोग रहने लगेगे.
या फिर पृथ्वी तत्व बढ़ा हुआ है और वो मूलाधार पर ज्यादा ध्यान करता है तो जोड़ो के दर्द सम्बंधित रोग होने लगेगे. ध्यान के शांति आने की बजाये सांसारिक सुख अपनी ओर खिचेगे.

या फिर जल तत्व ज्यादा बढ़ा हुआ या फिर घटा हुआ है तो काम, मोह बढ़ जायेगा या फिर बहुत घट जायेगा और किसी भी काम में मन नहीं लगेगा. ऐसे में व्यक्ति बहुत सारे  काम बदलेगा. और किसी भी काम में सक्सेस नहीं होगा.

वायु तत्व अगर बढ़ जाता है या घट जाता है तो ध्यान के विघ्न डालेगा और बनते हुए काम को उड़ा डालेगा. कुछ भी समझ नहीं आने देगा. मन हमेशा भ्रमित रहेगा.

इस तरह से तत्वों का और नाड़ी का अगर सही तालमेल होगा तो आप आगे बढ़ पायेगे भौतिक दृष्टि से भी और सांसारिक दृष्टि से भी.

इसके लिए नाडी तत्व विवेचन करवाना पड़ता है. नाडी तत्व विवेचन Yoga My Life के द्वारा वेदान्त के ज्ञान से Discover किया हुआ एक प्रोसेस है, तरीका है. यह इतने सटीक रिजल्ट्स देता है कि रिजल्ट्स मिलने की सम्भावना 90% से ज्यादा रहती है.

इसलिए अगर आप सही तरीके से अध्यात्म में बढना चाहते है तो यह एक तरीके का Dignostic Test है इस जरुर से करवाना चाहिए ताकि आप सही ध्यान करके सही दिशा में आगे बढ़ सके.

जीवन को किसी भी प्रॉब्लम को नाडी तत्व विवेचन से सुलझाया जा सकता है. इसे समझना बहुत ही जरुरी होता है. एक बार समझ आ जाये तो रिजल्ट्स बहुत ही अच्छे मिलते है.

Acharya Harish
yogateacherbsy@gmail.com


1 comment:

  1. I want to learn ni tata please help me and advise to do.my mob no 9937171797 Mr nayak

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