Tuesday, 17 April 2018

चक्रों में छिपी है रहस्यमयी शक्तियां




जैसा कि आप सब जानते है कि इन्सान में यानि Human Instrument में मोटे तौर पर 7 चक्र होते है.

मूलाधार
स्वधिस्थान
मणिपुर
अनाहत
विशुद्धि
आज्ञा
सहस्त्रार

मैं आपको विशेषतौर पर 6 चक्रों के बारे में ही बताउगा और उनसे जुडी हुई रहस्यमयी बातें भी बताउगा. हर चक्र की अपनी एक विशेषता है, अपने गुण है. जब चक्र में सही उर्जा होती है तो उस से सबंधित सभी गुण व्यक्तित्व में उभर कर सामने आते है और यदि चक्र की उर्जा में कमी आ जाये तो उस से सम्बंधित रोग इत्यादि भी शरीर और मन में उभर कर सामने आते है.

किसी भी व्यक्ति में कोई विशेष गुण है; मैं उन गुणों की बात कर रहा हूँ जो जन्मजात होते है. कोई भी विशेष गुण सबंधित चक्र के कारण ही होता है. जैसे कि कोई बहुत ही अच्छा आर्टिस्ट है, पेंटर है, गायक है, कुक है, डांसर है, अभिनेता है, अभिनेत्री है. कोई भी ऐसी कला जिससे जनमानस को मंत्रमुग्ध किया जा सकता हो वो अनाहत चक्र के सही उर्जावान होने पर आती है.

अब हर किसी में तो जन्मजात गुण होते नहीं है और यदि आप अपने जीवन में ऐसी कोई विलक्षण प्रतिभा चाहते है तो अनाहत चक्र को एक्टिवेट करके वो प्रतिभा हांसिल कर सकते है. मन बहुत सारी इच्छाओं से भरा हुआ है, हर किसी के मन में कुछ कर दिखाने की ईच्छा छिपी रहती है परन्तु व्यक्तित्व में वो प्रतिभा उपलब्ध न होने के कारण हम अपनी ईच्छाओं को मन में ही मार देते है.

परन्तु मैं जो बता रहा हूँ वो बिलकुल अलग तरीका है. रहस्यमयी है, विलक्षण है और व्यवाहरिक भी है. आपका मन है कि इस दुनियां में आप कुछ करके जाये तो; दो चक्रों पर ध्यान कीजिये – मणिपुर चक्र और अनाहत चक्र. यक़ीनन आप अपना मुकाम हांसिल कर लेंगे. आप हैरान होंगे कि अपने आप ही आपके अन्दर क्रिएटिव विचारो का सृजन होने लगेगा और आपको लगेगा कि आप कुछ भी कर सकते है और यह सब आपको अपने अंदर से अपने आप ही महसूस होगा.

ऐसे ही यदि आप ज्ञानवान होना चाहते है वो भी इस तरह से कि आपको अपने आप ही हर बात का पता चल जाये. All Knowing ability तो आप फिर दो चक्रों पर ध्यान कीजिये – मणिपुर और विशुद्धि चक्र. विशुद्धि चक्र एक्टिव होने से ज्ञान अपने आप ही मन में उभरने लगता है. जब ऐसा होगा तो आप हैरान होंगे कि जो आपके मन में उभर रहा है वही ज्ञान की किताबो में लिखा हुआ है. वेदों में, उपनिषदों में, गीता में, विज्ञानं में.

ऐसे ही यदि आप अनोखे अनुभव चाहते है तो और शरीर से अलग कुछ अनोखा अनुभव चाहते है तो आप आज्ञा चक्र पर ध्यान कीजिये. आपको नित नए अनुभव होंगे. कभी आनंद का अनुभव, कभी अनोखी खुशबु का अनुभव, खुशबु इतनी अनोखी कि ऐसी खुशबु आपने कभी अनुभव की ही नहीं होगी और इसे केवल और केवल आप ही अबुभाव कर रहे होंगे. आपके साथ यदि हज़ार व्यक्ति भी है तो भी आप अकेले उस खुशबु का आनंद उठा रहे होंगे.

बहुत सारी रहस्यमयी शक्तियां भी आपके पास अपने आप चल कर आ जाती है. ऐसी शक्तियां जिनके बारे में आपने कभी सोचा ही नहीं होगा. जैसे की कोई आपके पास आता है तो आपको उसकी भावनाओ के पता चल जायेगा. कही नेगेटिव उर्जा होगी तो उसका तुरंत पता चल जायेगा. कही पॉजिटिव उर्जा होगी तो उसका भी अपने आप ही पता चल जायेगा. बहुत सारी घटनाओं का पहले से ही आभास हो जायेगा.

आज सफलता हर किसी की जरुरत है. आज धन, पैसा हर किसी की जरुरत है. पर कई बार हालात ऐसे हो जाते है कि कुछ समझ में आता नहीं है. ऐसे में अध्यातम आपका मित्र बन कर आपके साथ खड़ा होता है. कुछ खास बात है अध्यात्म में जो आपको मुश्किल हालातो से निकलने में मदद कर सकती है. अगर इस तरह के हालात जीवन में आ जाये तो मणिपुर चक्र पर ज्यादा से ज्यादा ध्यान करना चाहिए.


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