Wednesday, 4 April 2018

एक शक्तिशाली गुप्त साधना



एक शक्तिशाली गुप्त साधना

100% रिजल्ट देने वाली

मन्त्र कई प्रकार के होते है. सात्विक मन्त्र, राजस मन्त्र, तामसिक मन्त्र, शाबर मन्त्र, बीज मन्त्र और भी बहुत से. मंत्रो को जपने की भी बहुत सी विधियां भी दी हुई है हमारे शाश्त्रो में. पर मै आज आपको कुछ खास बात बताने जा रहा हूँ मन्त्र जपने के बारे में और मन्त्र शक्ति के बारे में.

यह जो विधि मैं आपको बता रहा हूँ यह अति गोपनीय विधि है. परन्तु इस विधि को अगर केवल गोपनीय ही बना कर रखा तो यह विधि शाश्त्रो में दब कर ही दम तोड़ देगी इसलिए बहुत सोच विचार कर मैं इस विधि को मैं आपको सिखाने जा रहा हूँ.

मैंने वास्तव में इस विधि को मॉडर्न साइकोलॉजी और पतंजलि योग सूत्र के सिद्धांत पर विकसित किया है. इस विधि पर पहले मैंने खुद एक्सपेरिमेंट किया है और फिर आपको बताने जा रहा हूँ.

सबसे पहले मैं आपको इस विधि को लेकर कुछ खास हिदायते देना चाहता हूँ ताकि अगर कोई समस्या आये तो उस स्थिति में क्या करना है.

सबसे पहली बात कि इस विधि से मन तो एकदम काबू में जायेगा. परन्तु उस वक़्त कुछ बाते हो सकती है.

एक दम शांति अनुभव हो सकती है.
दूसरा मन के रुकने से एकदम डर पैदा हो सकता है.
तीसरा एकदम उर्जा पैदा हो सकती है.
चोथा शरीर में वाइब्रेशन किसी भी जगह पर पैदा हो सकते है.
पांचवा शरीर में झटके भी लग सकते है.

बस अगर उर्जा ज्यादा पैदा हो या झटके ज्यादा लगे तो उसी वक़्त प्रैक्टिस को रोक देना है. डर लगेगा भी तो थोड़े समय बाद अपने आप ही ख़त्म हो जायेगा.

परन्तु मेरी बताई हुई विधि से आप यदि प्रैक्टिस करते है तो यह बात पक्की है कि रिजल्ट्स मिलेगे ही.
आप चाहे किसी भी धर्म से सबंधित हो और किसी भी मन्त्र पर जप आप करना चाहते हो यह विधि सभी मंत्रो पर काम करेगी.

अब असली बात पर आता हूँ कि करना क्यां है?

कोई भी मन्त्र जो आप जपना चाहते है. उदहारण के तौर पर मैं गायत्री मन्त्र लेता हूँ.

ॐ भूर्भुव स्वः।
तत् सवितुर्वरेण्यं।
भर्गो देवस्य धीमहि।
धियो यो नः प्रचोदयात् ॥

अब आप गायत्री मन्त्र जपना शुरू कीजिये. आपको एक साथ डबल मन्त्र जप करना है. जैसे आपने शुरू किया कि ॐ भूर्भुव स्वः अभी मन्त्र पूरा हुआ नहीं है उससे पहले साथ में ही एक और मन्त्र शुरू कर देना है यही फिर से ॐ भूर्भुव स्वः...

यानि मन में एक नहीं दो मन्त्र एक साथ चल रहे है पर टाइमिंग थोड़ी अलग है दोनों मंत्रो की. एक ख़त्म नहीं होता है की दूसरा शुरू हो जाता है या यूँ कह सकते है कि एक मन्त्र के शुरू होने के तुरंत बाद दूसरा शुरू हो जाता है.

अगर आप सही तरीके से ऐसा कर पाए तो एक दम रिजल्ट आएगा. एकदम तुरंत. बस विधि को सही तरीके से समझना है कि मन में एक साथ दो मन्त्र चलने चाहिए. शांति, आनंद, उर्जा, वाइब्रेशन, सब कुछ होगा. हो सकता है कि डर भी लगे. पर रुकना नहीं है. हाँ उर्जा ज्यादा महसूस होने लगे तो एकदम रोक देना है और बस एक ही मन्त्र पर आ जाना है.

आप किसी भी मन्त्र पर इस विधि का प्रयोग कर सकते है. कोई भी मन्त्र, किसी भी धर्म से ही. मैंने गायत्री मन्त्र का केवल उदहारण दिया है. आप एक ओंकार सतनाम. ॐ मणिपद्मे हुम्, आप अल्लाह या अन्य कोई इस्लामिक मन्त्र जप सकते है. आपके गुरु का दिया हुआ मन्त्र जप सकते है.

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