आज का मेरा विषय थोडा सवेदनशील है क्यूंकि जब जिंदगी तोड़ कर रख देती है तो जीवन अभिशाप सा लगने लगता है. तब जीवन में कुछ भी अच्छा नहीं लगता. सब का सब बेमानी सा लगने लगता है. लेकिन जीवन में घटित होने वाली हर घटना के कुछ न कुछ मायने होते है फिर वो चाहे वो अच्छी घटना हो चाहे बुरी. अपने पिछले विडियो में मैंने बताया था कि किस तरह आंसू आपके बुरे वक़्त में आपका साथ देते हुए आपको ईश्वर से कनेक्ट कर देते है.
आज जो मैं आपसे जो कुछ साँझा करुगा वो मेरा व्यक्तिगत अनुभव और आध्यात्मिकता पर मेरे अपने शोध पर आधारित है. अपने इस चैनल में माध्यम से मैं आपको जब आप अपने जीवन में टूटने वाली अवस्था में महसूस कर रहे होंगे, उस स्थिति से लड़ना सिखाने की कौशिश करुगा और उस स्थिति से निकलने का उपाय बताउगा. उन लम्हों में क्यां-क्यां अनुभव होता है और इम्तहान रूपी उन टूटे हुए लम्हों से हम कैसे निजात पा सके उसके बारे में आपसे रूबरू होउगा. यह जरुरी नहीं कि मेरा यह विडियो आपके काम आये पर आपके द्वारा किसी और जरूरतमंद के काम तो आ ही सकता है.
क्यूंकि मैंने उन लम्हों को जीया है और आध्यात्मिकता के क्षेत्र में होने के बाद जब मैंने उन लम्हों पर अध्यात्मिक नियमों का प्रयोग किया मुझे बहुत ही अच्छे रिजल्ट्स मिले और मैंने उन लम्हों का सही तरीके से इस्तेमाल कर अपने आप को सजग और सहज रख कर उन लम्हों से भी फायदा उठाया. जिससे मैंने उस कठिन समय को पार तो किया ही और साथ में उससे अध्यात्मिक उत्थान भी लिया.
यकीन मानिये यह बड़ी ही विचित्र बात है जब कि जिंदगी तोड़ कर रख देती है, जब समय भी लम्बा सा लगने लगता है और तब जब हर चीज में बुराई ही नज़र आती है उन लम्हों से भी मैंने अध्यात्मिक उत्थान के लिए यूज़ किया , और उसी आर्ट को मैंने आपके साथ शेयर करना चाहता हूँ.
जिंदगी कई बार तोडती है. क्यूंकि जीवन का कार्य केवल जोड़ना नहीं है; तोडना भी है. जीवन किसी से जोड़ता भी हमें सिखाने के लिए है और तोड़ता भी हमें सिखाने के लिए है.
हम कब टुटा हुआ महसूस करते है - तब जब कोई अत्यंत करीबी जीवन के किसी मोड़ पर अचानक साथ छोड़ दे, वो जिसके बारे में कभी ऐसा सोचा ही न हो कि यह भी साथ छोड़ देगा, या फिर कोई बिलकुल अपना हमें इस दुनिया से छोड़ कर चला जाये. जब किसी बिलकुल अपने की मृत्यु हो जाती है - तो इंसान टूट कर रह जाता है और उस वक़्त दुनिया की कोई भी सलाह या काउंसलिंग काम नहीं करती तब हम सब के जेहन में एक ही उत्तर आता है कि इस झटके की भरपाई तो टाइम ही कर सकता है और कोई नहीं. यह बात सच भी है.
कहते है Time is a Great Healer, यह सच है, बिलकुल सच है. पर मैं उस वक़्त से निकाल कर आपको कही और ले जाने की बात कर रहा हूँ. चलिए हम थोडा देखते है उस वक़्त होता क्या है जब जिंदगी तोड़ कर रख देती है.
किसी से बात करने का मन नहीं करता
भूख लगनी कम या कुछ समय के लिए बंद भी हो जाती है. पर कमाल की ही बात है कि उस वक़्त में बिना खाने के भी इंसान जिन्दा रहता है.
डर लगने लगता है और कभी कभी यह डर पोषित हो हो कर बिमारियों के रूप में उभरने लगता है.
समय कब बीत गया पता ही नहीं चलता. सुबह से शाम कब हो गयी.
लेकिन मन क्या सोच रहा था यह भी समझ नहीं आ पाता
लम्बा खालीपन....
यानि मन रूक सा जाता है.
संसार में रुचि रह ही नहीं जाती. बेमानी सब कुछ बेमानी
कई बार तो आंसू भी नहीं होते खुद को सांत्वना देने के लिए.
ईश्वर न करे की कभी ऐसा हो किसी के साथ भी. फिर भी जीवन है कभी कुछ भी हो सकता है और हमें हर वक़्त जीवन में किसी ही चैलेंज के लिए तैयार तो रहना ही चाहिए और मैं तो यह भी मानता हूँ कि जीवन में कुछ भी अच्छा या बुरा होना हमें कुछ सिखाने के लिए ही होता है.
अब मैं असली बात पर आता हूँ कि किसी भी वजह से यदि ऐसा हो जाये तब.
मैंने आपको बता दूँ की यह जितनी भी कंडीशन मैंने बताई है यह ध्यान के द्वारा ईश्वरीय शक्तियों से जुड़ने का एकदम परफेक्ट समय है. इस कठिन समय में थोडा सा किया हुआ ध्यान भी काफी कुछ दे कर जायेगा. इतना कुछ दे कर जायेगा आप सोच भी नहीं सकते. ऐसा होता है, ऐसा ही होता है. उस वक़्त जब मन भागता ही नहीं है, समय रूकता सा प्रतीत होता है - तो ध्यान से पहले आने वाली स्थिति - प्रत्याहार; बड़ी आसानी से घटित हो जाएगी और प्रत्याहार से ध्यान घटित होगा और वो ध्यान; दिनों दिनों में आपको उस स्थिति से निकाल कर बाहर कर देगा.
पर ऐसा तब होगा यदि आप उस वक़्त थोडा सा सजग हुए तो और यदि आपने सब कुछ मन को ही सौंप दिया तो फिर वही होगा हो दूसरों के साथ होता है या होता रहा है या होता रहेगा.
और मैं आपको यह भी बता दूँ कि यह ही वो समय होता है जब आप बड़ी ही आसानी से ध्यान कर सकते है बस एक बार try करनी होगी. यानि मैं जो बता रहा हूँ यह शायद मुश्किल लग रहा हो पर यह मुश्किल है नहीं उस वक़्त मन को एक तरफ डायरेक्ट करना है बस.
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